Golden history of Jauhar (जौहर का स्वर्णिम इतिहास)
राजपूत क्षत्राणिया लिख गयी एक अमर गाथा …स्वर्णिम इतिहास
अपनी पराजय निश्चित देख राजपूत एक ऐसा आत्मघाती कदम उठाते थे जिस देख दुश्मन की भी रूह काँप जाती थी ये आत्मघाती कदम जौहर और शाका नाम से प्रसिद्ध हुआ ..जौहर : युद्ध के बाद अनिष्ट परिणाम और होने वाले अत्याचारों व व्यभिचारों से बचने और अपनी पवित्रता कायम रखने हेतु अपने सतीत्व के रक्षा के लिए राजपूतनिया अपने शादी के जोड़े वाले वस्त्र को पहन कर अपने पति के पाँव छू कर अंतिम विदा लेती है महिलाएं अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा कर,तुलसी के साथ गंगाजल का पानकर जलती चिताओं में प्रवेश कर अपने सूरमाओं को निर्भय करती थी कि नारी समाज की पवित्रता अब अग्नि के ताप से तपित होकर कुंदन बन गई है और राजपूतनिया जिंदा अपने इज्जत कि खातिर आग में कूद कर आपने सतीत्व कि रक्षा करती थी | पुरूष इससे चिंता मुक्त हो जाते थे कि युद्ध परिणाम का अनिष्ट अब उनके स्वजनों को ग्रसित नही कर सकेगा | महिलाओं का यह आत्मघाती कृत्य जौहर के नाम से विख्यात हुआ |सबसे ज्यादा जौहर और शाके चित्तोड़ के दुर्ग में हुए।
卐 01)जैसलमेर के जौहर में 24,000 राजपूतानियों ने इज्जत कि खातिर अल्लाउदीन खिलजी के हरम जाने की बजाय आग में कूद कर अपने सतीत्व के रक्षा कि ..
卐 02) 1303 चित्तोड़ के दुर्ग में सबसे पहला जौहर चित्तोड़ की महारानी पद्मिनी के नेतृत्व में 16000 हजार राजपूत रमणियों ने अगस्त 1303 में किया था |
卐 03) चित्तोड़ के दुर्ग में दूसरे जौहर चित्तोड़ की महारानी कर्मवती के नेतृत्व में 8,000 हजार राजपूत रमणियों ने 1535 AD में किया था |

卐 05) ग्वालियर व रायसेन। का जोहर ये जोहर तोमर शालिवाहन पुरबिया के वक़्त हुआ ये राणा सांगा के रिशतेदार थे और खानवा युद्ध में हर के बाद ये जोहर हुआ जहाँ इल्तुतमिश के आक्रमण के दौरान राजपूतों की पत्नियों ने अग्नि में कूदकर अपनी जान दे दी। 1232 में जब ग्वालियर के राजा
卐 06) ये जौहर अजमेर में हुआ पृथ्वीराज चौहान कि शहाबुद्दीन मुहम्मद गोरी से ताराइन की दूसरी लड़ाई में हार के बाद हुआ इसमें रानी संयोगिता ने महल उपस्थित सभी महिलाओं के साथ जौहर किया
卐 07) राजा विजयपाल की पत्नी बयाना ने जोहर किया था ।
卐 08) रणथन्भौर के किले पर चौहान हम्मीरदेव के समय में।
卐. 09) जालौर में सोनगरा चौहान कान्हडदेव के समय में। कान्हड़देव के शासनकाल में 1311 – 12 में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय हुआ था।
卐 10) जालोर में दूसरा जोहर वीरमदेव के समय हुआ जब हजारो राजपूतनियो ने जोहर किया
卐 . 11) सिवाणा में सोनगिरा चौहान सातल और सोम के समय में जौहर हुआ
卐. . 12) गढ़ गागरुण (गागरोण ) के खिंची अचलदास ने मालवा माण्डू के सुल्तान होसंगशाह गौरी से युद्ध किया तब भी राजपूताणियों ने जौहर किया था। ये जौहर 1423 ईस्वी में हुआ
卐 13) बहादुरशाह गुजराती ने जब रायसेन मालवा के किले को घेरा तो सलह्दी तंवर की राणीयों ने जौहर कीया था।
卐. 14) चंदेरी के किले पर बाबर के आक्रमण के समय पर मेदनिराय चौहान युद्ध करके मारा गया
卐. 15) अठारवी सदी में जाट सूरजमल ने मुगल सेनापति के साथ मिलकर कोल के घासेड़ा के राजा बहादुर सिंह बडगूजर पर हमला किया था। बहादुर सिंह बडगूजर ने जबर्दस्त मुकाबला करते हुए मुगल सेनापति को मार गिराया। पर दुश्मन की संख्या अधिक होने पर किले में मौजूद सभी राजपूतानियो ने जोहर कर अग्नि में जलकर प्राण त्याग दिए उसके बाद बडगूजर राजा और उसके परिवारजनों ने शाका किया।
शाका : महिलाओं को अपनी आंखों के आगे जौहर की ज्वाला में कूदते देख पुरूष कसुम्बा पान कर,केशरिया वस्त्र धारण कर दुश्मन सेना पर आत्मघाती हमला कर इस निश्चय के साथ रणक्षेत्र में उतर पड़ते थे कि या तो विजयी होकर लोटेंगे अन्यथा विजय की कामना हृदय में लिए अन्तिम दम तक शौर्यपूर्ण युद्ध करते हुए दुश्मन सेना का ज्यादा से ज्यादा नाश करते हुए रणभूमि में चिरनिंद्रा में शयन करेंगे | पुरुषों का यह आत्मघाती कदम शाका के नाम से विख्यात हुआ
""जौहर के बाद राजपूत पुरुष जौहर कि राख का तिलक कर के सफ़ेद कुर्ते पजमे में और केसरिया फेटा ,केसरिया साफा या खाकी साफा और नारियल कमर पर बांध कर तब तक लड़के जब तक उन्हें वीरगति न मिले ये एक आतमघाती कदम होता""
जौहर प्रथा का समारंग निम्नलिखित स्थितियों में करवाया जाता था :-
1- जब सेना किसी इस्लामिक आक्रमणकर्ताओं से लड़ रही हो ।
2- सेना को यह स्मरण हो जाए की
जीत अनिश्चित है और दुश्मन की सेना जनसंख्या में अधिक बड़ी है ।
3- जब सेना को यह पता लग जाए की दुश्मन अमानवीय है और बच्चो तथा औरतों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाएगा ।
1- जब सेना किसी इस्लामिक आक्रमणकर्ताओं से लड़ रही हो ।
2- सेना को यह स्मरण हो जाए की
जीत अनिश्चित है और दुश्मन की सेना जनसंख्या में अधिक बड़ी है ।
3- जब सेना को यह पता लग जाए की दुश्मन अमानवीय है और बच्चो तथा औरतों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाएगा ।
** गर्भवती महिला को जौहर नंही करवाया जाता था। उनहे गुप्त सुरंग से बच्चो के साथ सरक्षित निकाल दिया जाता था।
CASINO GAMES | Online Slot Machines | Airjordan6Retro
जवाब देंहटाएंPlay online slots games or visit the website 카지노 사이트 for 1xbet app real money online at Jordan6 Air Jordan 6 Retro casino. 제이티엠허브출장안마 We offer you the best game experience! air jordan 19 retro
एक टिप्पणी भेजें
Please comment on you like this post.